आरओ-एआरओ परीक्षा 2024 में बड़ा बदलाव: अब एक प्रश्नपत्र, परीक्षा का नया प्रारूप
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने आरओ-एआरओ (समीक्षा अधिकारी-असिस्टेंट समीक्षा अधिकारी) परीक्षा में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है, जिससे अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा का प्रारूप पूरी तरह से बदल जाएगा। पहले जहां इस परीक्षा में दो अलग-अलग प्रश्नपत्र होते थे, अब केवल एक ही प्रश्नपत्र होगा। इस बदलाव से न केवल परीक्षा का समय बदलेगा बल्कि प्रश्नों की संख्या और संरचना में भी परिवर्तन आएगा।
नए प्रारूप में परीक्षा का ढांचा
अब आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा में केवल एक प्रश्नपत्र होगा, जिसमें सामान्य अध्ययन और हिंदी दोनों विषयों को समाहित किया गया है। इस प्रश्नपत्र में सामान्य अध्ययन के 140 प्रश्न और हिंदी के 60 प्रश्न होंगे, जो कुल मिलाकर 200 प्रश्नों का सेट बनाएंगे। पहले यह परीक्षा दो भागों में विभाजित होती थी—एक सामान्य अध्ययन और दूसरा हिंदी, परंतु अब दोनों को मिलाकर एक ही प्रश्नपत्र में रखा गया है।
परीक्षा की अवधि में वृद्धि
परीक्षा की अवधि भी बढ़ाई गई है। पहले यह परीक्षा दो घंटे की होती थी, लेकिन अब इसे तीन घंटे का कर दिया गया है। इसका उद्देश्य अभ्यर्थियों को सभी प्रश्नों को आराम से हल करने का पर्याप्त समय देना है। नए प्रारूप के तहत, छात्रों को अधिक ध्यान केंद्रित करके एक ही परीक्षा में दोनों विषयों के प्रश्न हल करने होंगे।
22 दिसंबर को प्रस्तावित परीक्षा
आरओ-एआरओ परीक्षा 2024 को लेकर आयोग ने परीक्षा की तारीख भी निर्धारित कर दी है। यह परीक्षा 22 दिसंबर को आयोजित की जाएगी। हालांकि, इस परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों के मन में संदेह तब उत्पन्न हुआ जब पिछले वर्ष फरवरी में परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। इस पेपर लीक की घटना के बाद अभ्यर्थियों ने कड़ा विरोध किया था, जिसके कारण परीक्षा को रद्द करना पड़ा था। अब आयोग ने इस समस्या का समाधान करते हुए दोबारा परीक्षा कराने का निर्णय लिया है।
पेपर लीक की घटना और जांच
11 फरवरी को आरओ-एआरओ परीक्षा का पेपर लीक हो गया था, जिसके चलते हजारों अभ्यर्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रारंभिक जांच में इस बात की पुष्टि हुई थी कि पेपर लीक हुआ था। इस घटना के बाद आयोग ने परीक्षा प्रक्रिया में सुधार करने के लिए सख्त कदम उठाए और परीक्षा की नई तारीख की घोषणा की। अब आयोग यह सुनिश्चित कर रहा है कि आगामी परीक्षा में इस तरह की कोई अनियमितता न हो और पूरी परीक्षा प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित हो।
परीक्षा की तैयारी और रणनीति
अभ्यर्थियों को अब नए प्रारूप के अनुसार अपनी तैयारी की रणनीति बदलनी होगी। पहले जहां सामान्य अध्ययन और हिंदी के लिए अलग-अलग तैयारी की जाती थी, अब एक ही परीक्षा में दोनों विषयों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
- सामान्य अध्ययन में इतिहास, भूगोल, राजनीति, विज्ञान आदि विषयों का समावेश होता है, जो कि परीक्षार्थियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
- हिंदी खंड में व्याकरण, शब्दावली और भाषा कौशल के प्रश्न पूछे जाते हैं, जो कि एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अभ्यर्थियों को तीन घंटे की परीक्षा में दोनों खंडों को समयानुसार हल करने के लिए समय प्रबंधन पर भी ध्यान देना होगा।
निष्कर्ष
आरओ-एआरओ परीक्षा 2024 के नए प्रारूप ने परीक्षार्थियों के लिए कुछ चुनौतियां और कुछ नए अवसर प्रस्तुत किए हैं। इस बदलाव से अभ्यर्थियों को एक ही प्रश्नपत्र में दोनों विषयों की तैयारी करनी होगी, लेकिन तीन घंटे की अवधि उन्हें पर्याप्त समय प्रदान करेगी। परीक्षा की तारीख 22 दिसंबर निर्धारित की गई है, और अभ्यर्थियों को अब इस परीक्षा के लिए तैयारी करते समय नए प्रारूप को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति बनानी चाहिए।