पीपीएफ खाते पर डबल फायदा खत्म! जानें नए नियम और उनके प्रभाव अब मिलेगा सिर्फ 4% का इंटरेस्ट
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) एक लोकप्रिय निवेश विकल्प है, जिसे आपने भी अपनाया होगा। पहले इसमें आपको डबल फायदा मिलता था – आप अपने नाम से एक खाता खोल सकते थे और अपने नाबालिग बच्चे के नाम से भी। दोनों खातों पर आपको ब्याज मिलता था। लेकिन, 1 अक्टूबर 2024 से सरकार ने इस दोहरे लाभ को समाप्त कर दिया है। अब, अगर आपने अपने बच्चे के नाम से खाता खोला है, तो 18 साल की उम्र तक उस खाते पर पीपीएफ का पूरा ब्याज नहीं मिलेगा।
नए नियम के प्रमुख बिंदु
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलात विभाग द्वारा जारी गाइडलाइंस के अनुसार, 1 अक्टूबर 2024 से लागू हुए नए नियम का असर न केवल नाबालिग खातों पर पड़ेगा, बल्कि एनआरआई और कई खाताधारकों पर भी होगा। आइए जानते हैं कि यह बदलाव आपको कैसे प्रभावित करेगा।
नाबालिग के पीपीएफ खाते पर बदलाव
पहला और सबसे महत्वपूर्ण बदलाव नाबालिग बच्चों के नाम से खोले गए पीपीएफ खातों पर किया गया है। अब, 18 साल की उम्र तक इन खातों पर पीपीएफ का पूरा ब्याज नहीं मिलेगा। अभी तक पीपीएफ पर 7.1% का ब्याज मिल रहा था, लेकिन अब नए नियम के अनुसार, नाबालिग के खाते पर सिर्फ 4% ब्याज मिलेगा, जो पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट के बराबर है। 18 साल के बाद ही बच्चे को खाते का पूरा नियंत्रण मिलेगा और फिर उसे पीपीएफ का पूरा ब्याज (7.1%) मिलना शुरू होगा।
मेच्योरिटी पीरियड में बदलाव
सरकार ने नाबालिग खातों की मेच्योरिटी अवधि को भी बदल दिया है। अब, बच्चे के 18 साल के होने पर ही खाते की मेच्योरिटी गिनी जाएगी। इसका मतलब है कि जब बच्चा बालिग होगा, तब वह अपने पीपीएफ खाते को नियंत्रित कर पाएगा। यह बदलाव इसलिए किया गया है ताकि बालिग होने के बाद वे अपने खाते को समझदारी से मैनेज कर सकें।
एक से ज्यादा पीपीएफ खाते पर नया नियम
अगर आपके पास एक से ज्यादा पीपीएफ खाते हैं, तो नए नियम के तहत सिर्फ पहले खोले गए खाते पर ही 1.5 लाख रुपये तक का निवेश मान्य होगा। इसी खाते पर आपको 7.1% का ब्याज मिलेगा। अगर सभी खातों का कुल बैलेंस 1.5 लाख रुपये से कम है, तो बाकी खातों का पैसा भी प्राइमरी खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। लेकिन अगर कुल बैलेंस 1.5 लाख से ज्यादा है, तो अतिरिक्त राशि पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। ध्यान रखें कि प्राइमरी और सेकंडरी खाते के अलावा किसी अन्य खाते पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा।
एनआरआई के लिए बड़ा झटका
एनआरआई खाताधारकों के लिए भी बड़ा बदलाव किया गया है। अगर एनआरआई ने अपने फॉर्म एच में नागरिकता की जानकारी स्पष्ट नहीं दी है, तो 30 सितंबर 2024 के बाद उनके खाते पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। इस से पहले, उन्हें केवल पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट जितना ही ब्याज मिलता था, जो कि 4% था। अब, अगर सही जानकारी नहीं दी गई तो उन्हें यह भी नहीं मिलेगा।
नए नियमों का प्रभाव और आपके कदम
नए नियमों का प्रभाव सीधा तौर पर उन खाताधारकों पर पड़ेगा, जिन्होंने नाबालिग बच्चों के नाम से पीपीएफ खाते खोले हैं या एक से ज्यादा खाते रखे हैं। यदि आपके पास भी ऐसे खाते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि आप अपने निवेश की रणनीति को समय पर बदलें।
पीपीएफ निवेशकों के लिए सलाह
- नाबालिग खातों का पुनर्विचार: अगर आपने अपने बच्चे के नाम से पीपीएफ खाता खोला है, तो अब उसे बनाए रखने पर विचार करें। 18 साल तक कम ब्याज मिलने से आपके निवेश पर प्रभाव पड़ेगा, इसलिए दूसरे निवेश विकल्पों पर भी ध्यान दें।
- एक से ज्यादा खाते रखने वाले निवेशक: अगर आपके पास एक से ज्यादा पीपीएफ खाते हैं, तो अपनी निवेश रणनीति में बदलाव करें। कोशिश करें कि आपकी कुल जमा राशि 1.5 लाख रुपये तक ही सीमित रहे ताकि आपको पूरा ब्याज मिलता रहे।
- एनआरआई खाताधारक: एनआरआई खाताधारकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने फॉर्म एच में नागरिकता की जानकारी को अद्यतन करें ताकि उन्हें ब्याज मिलना जारी रहे।
निष्कर्ष
सरकार द्वारा लागू किए गए नए नियम पीपीएफ खाताधारकों के लिए महत्वपूर्ण हैं। विशेष रूप से नाबालिग बच्चों के खाते, एनआरआई और एक से ज्यादा खाते रखने वालों को अपने निवेश की रणनीति पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है। इन नियमों के साथ अपने निवेश को सही तरीके से प्रबंधित करके आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके वित्तीय लक्ष्य प्रभावित न हों।